चार साल पुरानी बात है , उस समय मैं बी एस सी -थर्ड की स्टुडेंट थी ।
हमारे collage में निलेश सर केमिस्ट्री के लिए adhoc पर टीचिंग के लिए आए थे , वह हमारी प्रिस्पल मेम के सपुत्र थे , उम्र होगी करीव ३०-३५ । उनकी आँख में सूअर का बाल था । यह उपाधि उन पुरषों को दी जाती है जो लड़कियों को गन्दी निगाह से देखते हैं , उनके दिमाग में शैतानी kidha कुल बुलाता रहता है , यह इतने डरपोंक और भोंदू होते हैं की लड़किओं से खुलकर फ्लर्ट नही कर सकते क्यूँ की इन्हे अपने आस पास के समाज का डर होता है और इनकी तमाम हसरते दिल में दबी रहती हैं ।
तब यह करते क्या हैं ??????????????
लड्कीयों का सेक्सुअल हेर्रेसेमेन्ट तथा उनके साथ छेढ़ छाद करके ये अपनी कुत्सित बासना को तृप्त करना चाहते हैं ।
प्रैक्टिकल लैब मे बहाने से लड़कियों से sat कर खड़े हो जाना , उन्हें sudact करना , उन्हें tuch करने की kosis करना , उनसे बे fajul baten करना , और किसी बहाने उनके boobs , hipps या vegina पर हाथ फेर देना ।
आप के नजरिये से एसे व्यक्ति को क्या कहना चाहिए - पाजी, हरामी , कमीना, या कुछ और तो आप मुझे जरुर बताइए ।
वैसे एसे कमीने इन्सान की हौंसला अफजाई मैं कुछ छेल - छबीली लड़कियां भी बराबर की जिम्मेबार हैं , ये कुछ जायदा ही चुन चपतहप्त करने लगती हैं जिससे भुगतना पढता है सिंसिअर लड़किओं को
क्रमशः ...................................
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