सोमवार, 20 अप्रैल 2009

दरस तुम्हारा जो न मेले प्रभु
अबकी इस जीवन में ,
मैं न तुम्हें पा सकी ,
बात यह याद रहे
पर मन में ।
भूल न जाऊँ , पीडा पाऊं , सपने और सायन में ।

शनिवार, 18 अप्रैल 2009

आखिर लड़की ही हूँ.

एक घंटे नहाने में ।
दो घंटे शीशे के सामने ।
दो घंटे एवरेज चेटिंग में ।
एक घंटा एवरेज मार्केट ।
यही तो एक लड़की की पसंदीदा लाइफ है ।
बे हिचक मैं भी इस रूल को फोलो करती हूँ ।
बड़ा मजा आता है , पर कभी कभी लगता है की हम लड़कियां किस बेबकूफी में पड़े हुए है।
कभी कभी फक्र होता है की लड़किओं की इसी बेबकूफी की बजह से दुनीया इतनी खूब सूरत और हसीन है ।
बरना इस भाग दौड़ की जिन्दगी में जीने की फुर्सत किसे है ।
मर्द तो हमेशा कमाई के फेर में पड़े रहते है।
शायद इससे उनका इगो तुष्टहोता है ।
वह औरत ही है जो मर्द से कुछ समय ख़ुद को एबम कुछ समय फेमली को देने के लिए जिद्द करती है ।


दूसरी ओर - लड़किओं का इतना समय सजने धजने में देना और दुसरो को ध्यान से देखने में देना नितांत बेबकूफी
है , पर लड़किया दिमाग से सोचती ही कब हैं, बह दिल की मान कर चलती हैं और शायद इसी में दुनिया की भलाई है ।
जिस लड़की के पास दिमाग है और सजने में ध्यान नही देती उसके साथ गोड ने बहुत बुरा किया ।


आपकी प्रश्न वाचक टिप्पडी सादर आमंत्रित है, मैं उनका यथा समर्थ उत्तर देने
का प्रयास करुँगी। वायदा है।

राष्ट्र भक्ति या राष्ट्र मित्र

मुझे भारतीय होने पर गर्व है , उसके बाबजूद मैं नही मानती की मैं राष्ट्र भक्त हूँ ।
मुझे लगता है की राष्ट्र मित्र एक व्यापक धारणा है जिसे प्रचारित किए जाने की जरुरत है ,
हमें एक एसा मित्र बनना चाहिए जो सिर्फ़ इस मुल्क के बादशाह की मल्कियत न होकर एक तरक्की पसंद अबाम हो जो न सिर्फ़ अपने मित्र रूपी राष्ट्र का अदब करता हो बल्कि उस पर फक्र भी रखता है , पर साथ ही साथ अपने मुल्क की बुराई , एबम सुधार की गुनजायस के प्रति भी उतना ही संजीदा एबम फ़िक्र मंद है ।
इसके लिए बह देश की उपलब्धि या इसके नागरिकों की उपलब्धि पर तो आनंदित होता ही है पर साथ ही साथ उसकी कमीयों पर भी खुल कर चर्चा करता है उसे क्रेटीसाईंस करता है, एबम बेहिचक उन्हें स्वीकार करके उन्हें सुधारने को प्रयत्न शील होता है ।
एसे ही समाज की स्थापना के लिए हम सभी को प्रयास करना होगा ।

हम सभी दोस्त हैं

हमें भारतीय होने पर गर्व है

शुक्रवार, 17 अप्रैल 2009

देश को राष्ट्र भक्तो की नही राष्ट्र निर्माता की जरुरत है

यह विचार मुझे तब आया जब मेरे ब्लॉग पर एक राष्ट्र भक्त बंधू की टिप्पडी थी ।
मुझे लगता है की रास्ट्र भक्ति और कुछ नही एक धोका और छलाबा है। ये एक डाकिया नूसी सोच है , गुलाम मानसिकता का प्रतीक है और सभ्य एबं प्रगतिशील समाज के लिए हितकारी नही है ।
अंग्रेजो ने सम्भवतः विश्व में जगह जगह अपने उपनिवेशों को बचाय रखने हेतु इस शब्द का इस्तेमाल किया हो,
या सम्भाब्तः हिंदुस्तान या किसी अन्य राष्ट्र के राजे राज बड़ों ने अपने जनता या लोके मत को बर्गालय रखेने हेतु इस शब्द का इस्तेमाल किया हो ।
बरहाल एक लोकतान्त्रिक समाज में जहा तरक्की की इच्छा होती है भक्त नही बल्कि निर्माता की जरुरत महसूस होती है ।
राष्ट्र के प्रति केबल भक्ति से काम नही चलेगा , हम अपने राष्ट्र की कमियों को भी महसूस करे और उसमे सुधार की इच्छा प्रकट करे तो जादा अच्छा होगा ।

आप मुझ से किसी भी विषय पैर मेरी राय जानना चाहे या मेरे बारे में कुछ जानना चाहे तो बे हिचक मुझे प्रश्न वाचक कमेन्ट भेजे मे यथा संभव उत्तर देने का प्रयास करुँगी

बुधवार, 15 अप्रैल 2009

विक्की के लिए

चुन लो मुझे वृंत से चुन लो

और विलंब नही कर ।

जी में जगता है भय, जाऊ

कहीं न माटी में झर ।

मंगलवार, 14 अप्रैल 2009

में प्यार में पागल हूँ

कब भेजोगे अपने प्रेम दूत को मेरे पास ?
कब होगा मेरे मन के द्वंदों का सहज विनास ?

रविवार, 12 अप्रैल 2009

बाते स्लम डोग की

स्लम डोग मूवी का सीन है - फ़िल्म के हीरो जमाल, लतिका समीर भीक मंगबाने बाले गिरोह के चंगुल में है , हॉस्टल में लतिका और समीर गैंग की बस से नीबू मिर्च के टोटके से मिर्च तोड़ कर पीस लेते है और फ़िर लतिका उसे जमाल के पेंट के अन्दर डाल देती है और फ़िर ये सीन बहुत ही बेतुका और बल्गर है की जमाल नाम का लड़के को नयूड़ बाथरूम में दिखाते है, समझ नही आता की सेंसर ने इस सीन को पास केसे कर दिया ।
होलीबुड की मोवी देखने बाले अंग्रेज यूरोपियन चाइल्ड सेक्स के भूके भेडिये है उन्हें इस तरह के सीन में मजा आता है और फ़िल्म के निर्माता निर्देशक ने पब्लिक खीचने के लिए इस तरह के चटखारे लिए।
दूसरा इस सीन के माध्यम से निर्देशक ने भारत के अंध विशवास और टोटको पर भी व्यंग किया है।
हा मै मानती हू की नीबू मिर्च के टोटके जो भारत में बहुत आम है , सही नही पर इस बात को हाई लाईट करके हमारा मजाक बनाने की कोई तुक नही।
यूरोपियन कंट्री में कुछ रीती रिवाज़ इस से भी घटिया और बेतुके है जिसकी बखिया हम अपने इस ब्लॉग में भविष्य में उधेड गे ही ।
फिलहाल बो सीन न केबल पोर्नोग्राफिक है बल्कि फ़िल्म की सफलता बा उसे आस्कर दिलाने में महती भी प्रतीत होती है ।

शनिवार, 11 अप्रैल 2009

मानो या न मानो

मेरे जीबन में सबसे जादा महत्व विक्की को है।
जो मेरी हर बात जनता है ।
मेरा अच्छा दोस्त है बॉय फ्रैंड है और कोई दो राय नही की शायद मेरा होने बाला पति भी है ।
मेरे इस ब्लॉग के बारे में कुछ नही जनता।
मै उसे बताऊगी भी नही ।
छु पाऊँगी भी नही ।
पर शायद कुछ महीने से ऐसा हुआ की मुझे लगता है की भले हम एक दुसरे से एवेरी थिंग शेयर करने का दाबा करते है पर मन में बहुत सारी एसी बाते है जो शेयर नही करते ।
डरते है की कही एक दुसरे को खो न दे ।
इस डर से दिल में क्या है कहते नही ।
और जो कहते नही वो बाते भी बहुत कुछ दिल खोल कर लिखती हूँ।
इस जहान् की
परी हूँ मै

शेम शेम मनमोहन सिंह

मन मोहन सिंह जी ने कहा की बह आडवानी को प्रधान मंत्री का दाबे दार नही मानते

नो प्रॉब्लम बट उन्होंने कहा की अटल जी ने आतंक बादियो के आगे घुटने टेक दिये bicoz कंधार एक्सीडेंट

हमें इस पर सख्त आपत्ति है - हमें गर्व है की hamare लिए 100 आतंक baadi से जादा kimat ek aam insan ki hai aur rahi bat आतंक par नकेल की तो जब तक अटल जी प्रधान मंत्री रहे आतंकbadiypo ने भारत के लिए अपने अधिकांस टारगेट को पोस्ट पोंड कर दिया था क्युकी उन्हें भरोसा हो चला था की बी जे पी के रहेते उनकी daal गलने bali nahi है क्यो की उनके रहेते न तो उनके लिए मस्जिदे छुपने को सुरक्चित है और न मन्दिर और तभी उन्होंने हटाsa में वर्ल्ड ट्रेड सेण्टर पैर अटैक किया ।

आतंक से निपटने की भा जा प् की कोसिस पुरी तरह पुख्ता थी सीमओं की बड़े बंदी की जा रही थी पाकिस्तान को मजबूत करने के लिए उसके साथ ब्यापार बढाया गया ताकि तालिबान बहा हाबी न हो पी जैसा की अमेरिका ने निति बने थी और उसका सु परिदम था की ५ सल् पहले पाक में उतने खतरनाक हालत नही थे जितना की भारत के लिय आज है

और कंधार या संसद पैर हमले में जहा मात्र १२ लोग मरे गए ॐ उसके आरोपी अफजल कुत्ता को मुस्लिम वोट के लालच में फंसी पर नही चदय जा सका बही मुंबई अकेले हमले में १११० लोगे रियलिटी में मरे

कांग्रेस ने मुस्लिम वोट के लालच में ही भारत में मुस्लिमो को रहने की इजाजत दी और आज ओस पिछड़ा सोसित बने ही है ताकि बह आँखे बंद करके उन्हें वोट देती रहे जागो मुस्लिम जागो

शुक्रवार, 10 अप्रैल 2009

कांग्रेस तो सबसे बड़ी सम्प्रदायक पार्टी है

गुजरात दंगो के लिये भा जा पा को दोस दिया जाता है जो सरा सर ग़लत और न इंसाफी है ।
इसी नजरिये से यदि देखा जाय तो कांग्रेस तो और भी बड़ी गुनाहगार है , आजादी के समय जब नेहरू जी प्रधान मंत्री थे दंगो में लाखो हिंदू व मुस्लिम मारे गए यदि उसकी सजा देने बैठो तो नेहरू गाँधी परिवार की तीन और पुसतो को जेल में डालना होगा, पर यह सही न्याय नही होगा।
सबसे बड़ी सम्प्रदायक पार्टी तो कांग्रेस है जिसके शासन में भारत के धर्म के आधार पर विभाजन हुआ था, गाँधी और जिन्ना की सबिनयराय थी की कांग्रेस को डीस्सोल्व किया जाय और फिर नयी पार्टी बना कर नेहरू और जिन्ना की पार्टिया चुनाब लेड जिससे की चुनाब में किसी को अनाधिकृत लाभ न मिल सके पर नेहरू ने वो बात नही मानी
और भारत बिभाजन हुआ और नेहरू की उसी चालाकी के बजह से आज नेहरू की तीसरी पीडी देश पर राज कर रही है ।
भा जा पा तो केबल सामान नागरिक संहिता अर्थात पूरे देश के सभी बासिंदों के लिए एक सामान कानून की बात करती है जो सरा सर न्याय सांगत है ।
दूसरा बो मतदाताओ को लुभाने की टुस्ती करण की निति का बिरोध करती है , सम्प्रदायक तो टुस्ती करण करने बालो को कह ना चहिये ।
पिछले दिनों मुस्लिमो की एक बस्ती में मुस्लिम रिसेर्वसन की बात करके सोनिया जी ने तो हद ही कर दी कूद मुस्लिम बूढी जीबी इसके खिलाफ है
यदि अल्प संख्यकों को किसी से खतरा है तो तित्लर और सज्जन कुमार जैसे सज्जन महापुर्सो से है
जिन्होंने कबल गाँधी परिबार के लिए तलबे चाटने की निति के कारन हजारो ,मासूम सीखो को कल कब्लित कर दिया
एस्सा नही की कांग्रेस की इचा नही थी कुकी बाद में इस घटिया कम का भरपूर इनाम भी कांग्रेस में तित्लर और सज्जन को दिया गया और इस बार तो बेसर्मी की हद की उन्हें जबरिया चुनाब लड़ने की भरपूर कोसिस की गई इसके लिय सी बी आई तक को खरीद लिया गया नो डाउट कांग्रेस इस काम में माहिर है

गुरुवार, 9 अप्रैल 2009

मई अंग्रेज हू


बी काज मै लेट सो कर उठती हूँ ,
बेड टी लेती हूँ
कभी कभी नहाती नही
नक्से बाज हूँ
और बहुत सी बुरी आदते हो
तो दादी कहती है की अंग्रेज हो
व्हाट अ गुड जोक ????????/

कांग्रेस से देश को खतरा है

यह तो हद हो गई कांग्रेस ८४ के सिख बिरोधी दंगो की गुनाह गार है । कांग्रेस बड़ी ही बेसर्मी से अपने नेताओ को बचाने में लगी हुई है ।
जर्नल ने जूता फेक कर बहुत अच्छा किया । लोगो के जखम जो कांग्रेस के गाँधी परिवार के चापलूसों ने सीखो को दिए थी फिर हरे हो गए । मई फिर कहती हू की कांग्रेस बहुत ही तिकड़म बाज और चालाक पार्टी है , चुनाब में लाभ लेने के लिए उसने सी बी आई का दूरउपयोग किया । मैह्गाई से लोगो का ध्यान हटाने को उसने आंकडो का दूर उपयोगे किया
machchar ne aapko kaat liya...ye uska junoon tha...aapne khuja liya isme aapka sukoon tha...chaah kar bhi aapne use nahi mara....kyunki uski ragon mein bhi aap ka hi khoon tha!!!!!!

भा ज पा को वोट देने के तमाम कारण

पहला कांग्रेस के सरकार ने रिज़र्वेशन के विरोधी मेडिकल के स्टुडेंट के साथ बहुत बुरा सलूक किया था याद करो........

दूसरा कांग्रेस में जैसा वंश बाद चला आ रहा है उसके रहते भारत में सच्चा लोक तंत्र स्थापित नही हो सकता तथा अन्य पार्टी भी इसके लिए पहल नही करेगी और जैसा अब तक हुआ की किसान का बेटा प्रिमिनिस्टर बना या प्रेसितेंत बना फिरे कभी नही होगा
तीसरा कांग्रेस बैमानी से सांसदों की खरीद फरोक करने में उस्ताद है बीजेपी ने कभी ऐसा किया नही या इन्हे करना नही आता
चौथा बीजेपी ने परमाणु करार का बिरोध बीजेपी ने इस कारण किया क्युकी बीजेपी करार से ये बाते हटवाना चाह ती थी की अमेरिका या मित्र देसों को नेव्क्लिअर रिअक्टोरसे की अचानक सर्च का अधिकार दे दिया जय इसी कारण बीजेपी के समाई ये करार रूप न ले सका बीजेपी यह बाते कहेने में इस कारण अस्मार्हे थी क्यिकी गोपनीय ता की सपथ थी

सोमवार, 6 अप्रैल 2009

मिस्टर बराक ओबामा

अमेरिका में पगार जितना बड़ा होता है फ्रंसिसिओं का किस भी उतना ही बड़ा होता है ये हुई भूमिका ।
स्ट्रास बर्ग नाटो सम्मेलन में भाग लेने फ्रांस पहुचे अमेरिकी रात्र पति बरके ओबामा से बहा के यूनिवर्सिटी की एक स्टुडेंट ने चुम्बन की मांग कर डाली .......... सो शेम ????????????
बा कोल ओबामा उन्होंने उसकी मांगे पुरी सरकोजी के उकसाने पर और बे मन से की थी @#$%$#@#$%
उनकी यह सफाई नाकाफी और बे फजुले है उनकी इस हरकत ने करोडो युवा लड़कियो और मेरा दिल तोड़ दिया है।
हमें इस बात का मलाल हमेसा रहेगा की मई एक इतने छोटे कसबे से हू जह इस आधुनिकता की बयार अभी नही पहुची है । और मई ऐसी कोई जुर्रत या हरकत सपने में भी नही कर सकती , पर ओबामा को चुने और उनकी गर्म सासों को मसुसे करने का रोमंचे ऐसा है जो किसी भी लड़की को करजी बना सकता है।
हम सिर्फ़ इन तन्हैओं में आहे भर सकते है ।
ये विचारे मेरी अधिकास्न्से सहेलिओं अबं मेरे है। भाहमारे भभी पतिओं को ये बात भले नाग्बर गुजरेगी।

मिस्टर ओबामा

बाते बहुत है, लिखने बाले सिर्फ़ दो हाथ- मिस्टर ओबामा का किस , प्रिटी जिनता ने कहा की जो नेता बायदा न निभाई उसे दो थप्पड़ मारो, सलाम दोग मिल्लानारी की बात , और भी बहुत बाते है विक्की के बारे में बताना है। मेरा इन्टरनेट कल ख़राब हो गया था ।
बात ओबामा की। आप जानते ही होंगे की फ्रासीसी अपने किस के लिए मशहूर है , चीनी जितेने तरहे के पक्बन बनाना जानते है उस से जायदा तरीके से फ्रांसीसी चुम्बन लेने के तरीके जानते है। ब्रिटेन के मकान जितने खुबसूरत है और भारत की बिबिया जितने डिसेंट है उतना ही फरसे का चुम्बन

शनिवार, 4 अप्रैल 2009

move masti

Vikky ne mere mana karne ke babjud Slam dog-millenary movie laga di thi. Meri ichcha thi ki dopehar ke do ghante a.c. room me itminane se akhe band karke , bate karke aur koktel pikar nikala jai, vikky koktel bahut style se banata ahi. Khaire dosti me itna kampromize kabhikabhi karna hi hota hai . 5-10 minute ki movie ke bade mujhe bhi film me maza ane laga tha, slam dog suru se hi darsako ko bandhe rakhti hai , dekha jai to ye bilkul bhi classical move nahi hai jaisa ki maine dharna bana rakhi thi. Is film me bollybud aur hollybud dono ke masale bharpure hai.

Boolybud ki movie prem khani se suru hokar billan ki billan giri se haote hue aur ante bhala to sab bhala per khatem hoti hai jabki hollibud ke darsak thrill, action, aur romanch ke dibane hai aur ise film me donohi bate dekhne ko milti hai.

Ab bat ise Oscar milne ki to yah arop purnta sahi hai ki European country unhi bato ko purskrat karta hai jiseme Asian country ki baa yaha ke culture ki burai ki jati hai.

Slam dog ke nirmata nirdesko ne film me yaha ke sistam aur majburion ki bade hi bahude dhang se hasi banai hai jo mujhe bilkul bhi pasand nahi aai.

Philhal nirmata nirdesak ka kam safal hua khube kamai hue aur mene bhi c.d. karide kar unhe profit to karahi diya tha . bhale aab mai use kose rahi hu.

Next day continue…………….

शुक्रवार, 3 अप्रैल 2009

चुनाब है

इस बार मै पहली दफा चुनाब के लिए वोट डालूगी लवोट किसे देना चाहिए

हमें भारतीय होने पर गर्व है

आज मैंने ऐसा आदमी देखा जिसके पास दबा के लिए पैसे नही थे

हमें भारति होने पर गर्व है

आज मै अपने सहेलियों के साथै मंदिरे गई जहा बहुत मस्ती की
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