शुक्रवार, 10 अप्रैल 2009

कांग्रेस तो सबसे बड़ी सम्प्रदायक पार्टी है

गुजरात दंगो के लिये भा जा पा को दोस दिया जाता है जो सरा सर ग़लत और न इंसाफी है ।
इसी नजरिये से यदि देखा जाय तो कांग्रेस तो और भी बड़ी गुनाहगार है , आजादी के समय जब नेहरू जी प्रधान मंत्री थे दंगो में लाखो हिंदू व मुस्लिम मारे गए यदि उसकी सजा देने बैठो तो नेहरू गाँधी परिवार की तीन और पुसतो को जेल में डालना होगा, पर यह सही न्याय नही होगा।
सबसे बड़ी सम्प्रदायक पार्टी तो कांग्रेस है जिसके शासन में भारत के धर्म के आधार पर विभाजन हुआ था, गाँधी और जिन्ना की सबिनयराय थी की कांग्रेस को डीस्सोल्व किया जाय और फिर नयी पार्टी बना कर नेहरू और जिन्ना की पार्टिया चुनाब लेड जिससे की चुनाब में किसी को अनाधिकृत लाभ न मिल सके पर नेहरू ने वो बात नही मानी
और भारत बिभाजन हुआ और नेहरू की उसी चालाकी के बजह से आज नेहरू की तीसरी पीडी देश पर राज कर रही है ।
भा जा पा तो केबल सामान नागरिक संहिता अर्थात पूरे देश के सभी बासिंदों के लिए एक सामान कानून की बात करती है जो सरा सर न्याय सांगत है ।
दूसरा बो मतदाताओ को लुभाने की टुस्ती करण की निति का बिरोध करती है , सम्प्रदायक तो टुस्ती करण करने बालो को कह ना चहिये ।
पिछले दिनों मुस्लिमो की एक बस्ती में मुस्लिम रिसेर्वसन की बात करके सोनिया जी ने तो हद ही कर दी कूद मुस्लिम बूढी जीबी इसके खिलाफ है
यदि अल्प संख्यकों को किसी से खतरा है तो तित्लर और सज्जन कुमार जैसे सज्जन महापुर्सो से है
जिन्होंने कबल गाँधी परिबार के लिए तलबे चाटने की निति के कारन हजारो ,मासूम सीखो को कल कब्लित कर दिया
एस्सा नही की कांग्रेस की इचा नही थी कुकी बाद में इस घटिया कम का भरपूर इनाम भी कांग्रेस में तित्लर और सज्जन को दिया गया और इस बार तो बेसर्मी की हद की उन्हें जबरिया चुनाब लड़ने की भरपूर कोसिस की गई इसके लिय सी बी आई तक को खरीद लिया गया नो डाउट कांग्रेस इस काम में माहिर है

2 टिप्‍पणियां:

  1. हिंदी ब्लॉग की दुनिया में आपका सादर स्वागत है.... बहुत बढ़िया, धारदार लिखा है.... apko shayad pata nahi ki sirf hindu hit ki baat karna hi samradayikta hai... anya logo ke hit ki baat karna secularism hai....

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  2. बहुत रोष है। आपकी इस पोस्ट मे कांग्रेस के प्रति।बात काफी हद तक सही लिखी है।

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